“जज्बा “
हवा के आगे कुछ दीयें जला रखे हैं ,
बुझा ना पाए कोई ऐसे जज्बे जगा रखे हैं ।
ज़्यादा तो सोना – चांदी लाॅकर में नहीं छुपा रखे हैं ,
पर हाँ !
आग में तपा कर कुछ हीरे सजा रखे हैं ।।
– ज्योति
हवा के आगे कुछ दीयें जला रखे हैं ,
बुझा ना पाए कोई ऐसे जज्बे जगा रखे हैं ।
ज़्यादा तो सोना – चांदी लाॅकर में नहीं छुपा रखे हैं ,
पर हाँ !
आग में तपा कर कुछ हीरे सजा रखे हैं ।।
– ज्योति