जज्बात
कुछ सोये जज्बात है
दिन तो हैं
पर खोयी खोयी
हर रात है
बातें तो बहुत है मगर
रूठे से कुछ हालात है
समझाना नहीं कुछ
पर कुछ समझाने जैसी भी
ना कुछ बात है
साथ तो है मगर
वो एहसास नहीं
प्रीत तो है पर
मीठी वो रात नहीं
कहने को तो हैं अपने
कुछ रूठे हैं सपने
कुछ सोये जज्बात है
दिन तो हैं
पर खोयी खोयी
हर रात है