जज़्ब करना
क्या जज़्ब करना है
बस नाम जिंदगी
क्यों होती नहीं है
आसान जिंदगी
है एक शिकायत
या पैगाम जिंदगी
फरेब करे कोई
ले इल्जाम जिंदगी
फिर हुई आजमाईश
फिर बदनाम जिंदगी
टूटी ख्वाहिशों का
सामान है जिंदगी
चित्रा बिष्ट
क्या जज़्ब करना है
बस नाम जिंदगी
क्यों होती नहीं है
आसान जिंदगी
है एक शिकायत
या पैगाम जिंदगी
फरेब करे कोई
ले इल्जाम जिंदगी
फिर हुई आजमाईश
फिर बदनाम जिंदगी
टूटी ख्वाहिशों का
सामान है जिंदगी
चित्रा बिष्ट