जग से न्यारी मां
एक तो चांद जैसी है ,
चले तो हवाओ जैसी है।
वो मां ही है जो ,
धूप मे छाव जैसी है।
त्याग कोमलता , ममता की ऐसी प्रतिमूर्ति,
देख जिसे आजती मन मे सफूर्ति,
पग पग पर अच्छे बुरे का ज्ञान सिखाया,
आपने हमे लाएक इजातदार इंसान बनाया।
ईश्वर ने घड़ा ऐसा अनुपम सितारा ,
जो हर लेता लाखो लोगो का आधियारा।
ये तारा हमसे रूठने न पाए,
हम बच्चो का साया इनसे छुटने न पाए।
प्यारी जग से न्यारी मां,
खुशियां देती सारी मां ।
चलना हमे सिखाती मां,
मंजिल हमे दिखाती मां ।
दिन प्रतिदिन आप मेहनत हो करती ,
हार कर भी कभी न थकती।
आपने हमको बहुत कुछ सिखाया,
आपने ही हमे सारा संसार दिखाया।
मां तो भगवान का रूप होती है ,
ममता और देवी का स्वरूप होती है।
लाचार और गरीब को आपने गले लगाया,
यही देख ईश्वर ने आपको प्रथम बनाया।
Written by sneha singh
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