जग मे छाया जालोर (वो है हमारा जालोर)
जग में छाया जालोर(वो है हमारा जालोर)
ऋषि जाबालि ने जिसे अपनी तपोस्थली बनाया,
वो है हमारा जालोर,
जाबालीपुर जो कहलाया,
वो है हमारा जालोर,
श्रीमाल में जन्मे कवि माघ,
वो है हमारा जालोर,
जिसमे हुआ शिशुपाल वधम महाकाव्य का सृजन,
वो है हमारा जालोर,
ब्रह्मगुप्त जहा जन्मे ,
वो है हमारा जालोर,
जिसने दिया ब्रह्मस्फुट सिदांत ,
वो है हमारा जालोर,
सिर कटा और धड़ लड़ा ऐसा शौर्य पराक्रम जिसमे है,
वो है हमारा जालोर,
राई के भाव रात को बीते,
वो है हमारा जालोर,
अपने शौहर की गद्दारी पर शीश उसका काट डाला,
वो वीरांगना क्षत्राणी हिरादे माँ ,
ऐसी देशभक्त नारी जहा बसती,
वो है हमारा जालोर,
जहा की मोजड़ी हैं जग प्रसिद्ध ,
वो है हमारा जालोर,
स्वर्गगिरी के नाम से विख्यात,
वो है हमारा जालोर,
ग्रेनाइट नगरी के नाम से है जिसकी जग में पहचान,
वो है हमारा जालोर,
गहलोत कहता आपसे एक बात का करो गुमान,
जालोर से ही है भरत हमारी इस जग में पहचान,
क्योंकि जिससे हमारी आन बान व शान ,
वो है हमारा जालोर महान,
भरत गहलोत
जालोर राजस्थान,
संपर्क सूत्र-7742016184-