Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 May 2020 · 1 min read

जग के दोहे-2….

कितना आसान लगता , मढ़ देना आरोप ।
सत्य झूठ जाने बिना, देते हो तुम थोप ।।

भेड़ो की चाल चलकर, जाते उनकी राह ।
सोचकर निज विवेक से, सच की जानो थाह ।।

शब्द शब्द चोट करते, होते अगर असत्य ।
निराशा से मन भरता, बोझिल लगते तथ्य ।।

हाथ जोड़ विनती करूँ, मैं दीन हीन अल्प ।
झूठ अधिक चलता नहीं, साक्षी रहता कल्प ।।

सबसे मधुर स्नेह रखो, जीवन हैं अनमोल ।
बिक जाते बिन भाव के, सुनकर मीठे बोल ।।

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 447 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from जगदीश लववंशी
View all
You may also like:
वो इश्क की गली का
वो इश्क की गली का
साहित्य गौरव
कौन किसके बिन अधूरा है
कौन किसके बिन अधूरा है
Ram Krishan Rastogi
The flames of your love persist.
The flames of your love persist.
Manisha Manjari
गुरु असीम ज्ञानों का दाता 🌷🙏
गुरु असीम ज्ञानों का दाता 🌷🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
काश लौट कर आए वो पुराने जमाने का समय ,
काश लौट कर आए वो पुराने जमाने का समय ,
Shashi kala vyas
झील किनारे
झील किनारे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
■ चुनावी साल, संक्रमण काल।
■ चुनावी साल, संक्रमण काल।
*Author प्रणय प्रभात*
बेगुनाह कोई नहीं है इस दुनिया में...
बेगुनाह कोई नहीं है इस दुनिया में...
Radhakishan R. Mundhra
*आ गई है  खबर  बिछड़े यार की*
*आ गई है खबर बिछड़े यार की*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जीवन की धूप-छांव हैं जिन्दगी
जीवन की धूप-छांव हैं जिन्दगी
Pratibha Pandey
दिलों में है शिकायत तो, शिकायत को कहो तौबा,
दिलों में है शिकायत तो, शिकायत को कहो तौबा,
Vishal babu (vishu)
अहमियत
अहमियत
Dr fauzia Naseem shad
सामाजिक कविता: बर्फ पिघलती है तो पिघल जाने दो,
सामाजिक कविता: बर्फ पिघलती है तो पिघल जाने दो,
Rajesh Kumar Arjun
जिंदगी हवाई जहाज
जिंदगी हवाई जहाज
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
वफ़ा
वफ़ा
shabina. Naaz
नजरअंदाज करने के
नजरअंदाज करने के
Dr Manju Saini
"सबूत"
Dr. Kishan tandon kranti
फूलों से भी कोमल जिंदगी को
फूलों से भी कोमल जिंदगी को
Harminder Kaur
धनतेरस के अवसर पर ,
धनतेरस के अवसर पर ,
Yogendra Chaturwedi
प्रभु शुभ कीजिए परिवेश
प्रभु शुभ कीजिए परिवेश
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
हिदायत
हिदायत
Bodhisatva kastooriya
2555.पूर्णिका
2555.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
हालात ए शोख निगाहों से जब बदलती है ।
हालात ए शोख निगाहों से जब बदलती है ।
Phool gufran
नच ले,नच ले,नच ले, आजा तू भी नच ले
नच ले,नच ले,नच ले, आजा तू भी नच ले
gurudeenverma198
चला आया घुमड़ सावन, नहीं आए मगर साजन।
चला आया घुमड़ सावन, नहीं आए मगर साजन।
डॉ.सीमा अग्रवाल
मुट्ठी में आकाश ले, चल सूरज की ओर।
मुट्ठी में आकाश ले, चल सूरज की ओर।
Suryakant Dwivedi
तुम नहीं हो
तुम नहीं हो
पूर्वार्थ
*कैकेई (कुंडलिया)*
*कैकेई (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
खता मंजूर नहीं ।
खता मंजूर नहीं ।
Buddha Prakash
जीवन की विषम परिस्थितियों
जीवन की विषम परिस्थितियों
Dr.Rashmi Mishra
Loading...