जगमग-जगमग जब सारे दीप जलेंगे….
जगमग-जगमग जब सारे दीप जलेंगे….
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कार्तिक अमावस्या की काली सी रात ,
प्रभु श्रीराम लौटे थे माॅं सीता के साथ ,
खुशी में अयोध्यावासी खूब झूम उठे थे…
जलाकर दीप की थी फूलों की बरसात !!
दीपावली की तैयारियाॅं अब जोरों पर हैं…
लोग उल्लासपूर्ण माहौल में हैं जी रहे !
बाहर जो गये थे दो वक्त की रोटी कमाने…
वे सभी अपने – अपने घर को आ रहे !!
घर – घर चल रही कितनी साफ-सफाई ,
पक्के मकानों में हो रही खूब रंग-पोताई !
संग, पटाखे फुलझरियों की भी खरीद्दारी…
सचमुच , दृश्य लग रही हैं बड़ी मनोहारी !!
जगमग – जगमग जब सारे दीप जलेंगे….
दीपावली के खूबसूरत कितने रंग सजेंगे !
छोटे बच्चों की भी खुशियाॅं उफान पे रहेंगे !
झूमेंगे, गाएंगे, खूब आतिशबाजियाॅं करेंगे !!
पावन पर्व में सब नए – नए कपड़े पहनकर ,
दीप, मिठाइयों से पूजा की थाली सजाकर….
माॅं लक्ष्मी, गणेश जी के विधिवत पूजन करेंगे !
और मिठाई खिलाकर दोस्तों संग गले मिलेंगे !!
साफ-सफाई जिस घर की जितनी रहेगी….
माॅं लक्ष्मी उस घर में सबसे ज़्यादा टिकेंगी !
पटाखे, फुलझरियों के प्रयोग सीमित कर ,
अनावश्यक प्रदूषण से सभी बचकर रहेंगे !!
सच कहूॅं तो इस पावन-पर्व के अवसर पर….
हर दिल से ही दूर हो जाता नफ़रत का तम !
दीपक की रोशनी हर अंधकार को ढककर ,
फैलने न देता किसी के भी ऊपर कोई ग़म !!
यह पावन त्योहार संदेश देती हम सबको !
जीवन में सदैव अपनाऍं सत्य की राह को !
असत्य रूपी रावण मिले जो राह में कभी….
उसे ख़त्म कर याद करें भगवन श्रीराम को !!
प्रकाश-पर्व के रूप में इस पर्व को मनाते ,
सबके जीवन भी खुशियों से ही भर जाते !
हर तरह के अंधकार प्रकाश में बदल जाते ,
जो हम सब पूरे मन से ये त्योहार हैं मनाते !!
स्वरचित एवं मौलिक ।
सर्वाधिकार सुरक्षित ।
अजित कुमार “कर्ण” ✍️✍️
किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : 27 अक्टूबर, 2021.
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