जगत पराया प्रीत पराई
लोग तुम्हारी हंसी उड़ाएं बिल्कुल भी घबराना ना
वक्त अगर ना साथ दे तेरा पिछे कदम हटाना ना
अच्छा मांझी नाव कभी बीच मझधार नहीं छोड़ेगा
विकट समय में रख हौंसला अपने हौंस गंवाना ना
जगत पराया और प्रीत पराई कोई नहीं यहां अपना
झूठे हैं सुनो सब रिश्ते नाते व्यर्थ में अश्क बहाना ना
नहीं बैठना खाली यूं ही हाथ पे रखकर हाथ कभी
लिखो अपने कर्म खुद ही’विनोद’से दिल बहलाना ना