जख्मो से भी हमारा रिश्ता इस तरह पुराना था
जख्मो से भी हमारा रिश्ता इस तरह पुराना था
गिराया उसने जिसने चलते हुए हाथ थामा था
जिनमें छुपे हुए थे कहीं तूफानों के कई किस्से
उन्ही दरख्तों का हमारे जहन में आना जाना था
✍️कवि दीपक सरल
जख्मो से भी हमारा रिश्ता इस तरह पुराना था
गिराया उसने जिसने चलते हुए हाथ थामा था
जिनमें छुपे हुए थे कहीं तूफानों के कई किस्से
उन्ही दरख्तों का हमारे जहन में आना जाना था
✍️कवि दीपक सरल