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1 Oct 2021 · 1 min read

जख्मी होकर_ मुस्कुराना

जख्मी होकर_ मुस्कुराना_क्या मजा जीने में है
आंख नम है दिल मचलता इक तड़प सीने मै है
जाने वाले_जा मुसाफिर_तेरे विन जी लेगे हम
गिरते उठते_ फिर संभालना_क्या मजा पीने है
कृष्णकांत गुर्जर

Language: Hindi
7 Likes · 351 Views
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