जंग के नुकसान
जंग से कभी किसी का भला न हुआ ,
जंग से गुलिस्तां भी कब्रिस्तान हुआ।
इंसानियत का दुश्मन है ये बेरहम जंग ,
इससे आने वाली नस्लों का अंत हुआ ।
परिवार के परिवार उजड़ गए इससे ,
पीछे कोई नाम लेने वाला भी न हुआ ।
जो जिंदा रह गए वो अधमरे से इंसान ,
शरीर से अपंग हुए जीना दुश्वार हुआ।
इसके जहरीले रसायनिक प्रभाव से देखो ,
धरती की उर्वरा शक्ति का सर्वनाश हुआ ।
प्रकृति की सुंदरता भी सारी नष्ट हो गई है ,
इसकी सुहानी हवा औ पानी जहरीला हुआ ।
ये बेजुबान जिन्होंने किया नहीं कोई कसूर ,
इस जंग में उनके जीवन का अंत ही हुआ ।
नहीं सुनते तुम चीखे और दर्द भरी आवाजें,
तुम्हारा अपनी जीत में ऐसा होश गुम हुआ ।
गर सुन लेते तो कलेजा फट ना जाता तुम्हारा,
फिर न लेते नाम जंग का ,मगर ऐसा न हुआ ।
“अनु” वास्ता दे तुझे रब का और गुजारिश करे ,
छोड़ दे जंग का रास्ता,इससे सदा नुकसान हुआ ।