Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 May 2023 · 1 min read

जंगल

जब जंगल विरोध करें
कुल्हाड़ियों का
एक तिल्ली लेकर
उसमें डाल दो,

चंद मिनटों बाद देखोंगे
उसी हरे-भरे जंगल को
स्याह होते।

Language: Hindi
301 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
खत और समंवय
खत और समंवय
Mahender Singh
कोई विरला ही बुद्ध बनता है
कोई विरला ही बुद्ध बनता है
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
मत देख कि कितनी बार  हम  तोड़े  जाते  हैं
मत देख कि कितनी बार हम तोड़े जाते हैं
Anil Mishra Prahari
“अपना बना लो”
“अपना बना लो”
DrLakshman Jha Parimal
पिता का गीत
पिता का गीत
Suryakant Dwivedi
सत्यम शिवम सुंदरम🙏
सत्यम शिवम सुंदरम🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
छान रहा ब्रह्मांड की,
छान रहा ब्रह्मांड की,
sushil sarna
आप थोड़ा-थोड़ा ही काम करें...
आप थोड़ा-थोड़ा ही काम करें...
Ajit Kumar "Karn"
अधिकांश होते हैं गुमराह
अधिकांश होते हैं गुमराह
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
शादी होते पापड़ ई बेलल जाला
शादी होते पापड़ ई बेलल जाला
आकाश महेशपुरी
सम्बन्ध (नील पदम् के दोहे)
सम्बन्ध (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
वेलेंटाइन डे बिना विवाह के सुहागरात के समान है।
वेलेंटाइन डे बिना विवाह के सुहागरात के समान है।
Rj Anand Prajapati
"मन-मतंग"
Dr. Kishan tandon kranti
जमी से आसमा तक तेरी छांव रहे,
जमी से आसमा तक तेरी छांव रहे,
Anamika Tiwari 'annpurna '
◆ मेरे संस्मरण...
◆ मेरे संस्मरण...
*प्रणय प्रभात*
************* माँ तेरी है,माँ तेरी है *************
************* माँ तेरी है,माँ तेरी है *************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बस तेरे हुस्न के चर्चे वो सुबो कार बहुत हैं ।
बस तेरे हुस्न के चर्चे वो सुबो कार बहुत हैं ।
Phool gufran
छोड़ दो
छोड़ दो
Pratibha Pandey
मईया के आने कि आहट
मईया के आने कि आहट
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
अब देख लेने दो वो मंज़िल, जी भर के साकी,
अब देख लेने दो वो मंज़िल, जी भर के साकी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पितामह भीष्म को यदि यह ज्ञात होता
पितामह भीष्म को यदि यह ज्ञात होता
Sonam Puneet Dubey
पद्धरि छंद ,अरिल्ल छंद , अड़िल्ल छंद विधान व उदाहरण
पद्धरि छंद ,अरिल्ल छंद , अड़िल्ल छंद विधान व उदाहरण
Subhash Singhai
होके रुकसत कहा जाओगे
होके रुकसत कहा जाओगे
Awneesh kumar
समय
समय
Dr. Pradeep Kumar Sharma
3699.💐 *पूर्णिका* 💐
3699.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
I met myself in a weed-flower field,
I met myself in a weed-flower field,
Manisha Manjari
राष्ट्रीय गणित दिवस
राष्ट्रीय गणित दिवस
Tushar Jagawat
लौट आओ तो सही
लौट आओ तो सही
मनोज कर्ण
सत्साहित्य कहा जाता है ज्ञानराशि का संचित कोष।
सत्साहित्य कहा जाता है ज्ञानराशि का संचित कोष।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
जिस प्रकार लोहे को सांचे में ढालने पर उसका  आकार बदल  जाता ह
जिस प्रकार लोहे को सांचे में ढालने पर उसका आकार बदल जाता ह
Jitendra kumar
Loading...