जंगल ये जंगल
जंगल ये जंगल
नींद में डूबे जंगल।
झाडो से भरे ऊंचे
नीचें जंगल।
घास की तरह
चुप – चुप जंगल।
सडे – गले पत्तों से
भरे जंगल।
रास्तों को ढकते जंगल
आंखे मीचे शांत
खड़े ये जंगल।
प्रकृति के प्यार से
भरे ये जंगल।
सीना तानकर खड़े
ये जंगल।
तेरे जंगल
मेरे जंगल।
©® डॉ. मुल्ला आदम अली
तिरुपति – आंध्र प्रदेश