जंगल के दावेदार
जंगल उनकी ज़िंदगी!
जंगल ही उनकी दुनिया!!
बेच रहे तुम जंगल को
वे जाएं तो आख़िर कहां!!
वे किसी से नहीं डरेंगे
यहीं जिएंगे यहीं मरेंगे!
अपना इंसाफ़ मांगेंगी
तुमसे उनकी नई पीढ़ियां!!
Shekhar Chandra Mitra
जंगल उनकी ज़िंदगी!
जंगल ही उनकी दुनिया!!
बेच रहे तुम जंगल को
वे जाएं तो आख़िर कहां!!
वे किसी से नहीं डरेंगे
यहीं जिएंगे यहीं मरेंगे!
अपना इंसाफ़ मांगेंगी
तुमसे उनकी नई पीढ़ियां!!
Shekhar Chandra Mitra