*छ्त्तीसगढ़ी गीत*
छ्त्तीसगढ़ी गीत
सुघ्घर मया के फुलवारी महकत हे
22 22 22 22 22
सुघ्घर मया के फुलवारी हर महकत हे।
डारा मा बइठे मन पंछी चहकत हे।।
जिनगी भर देखव मेला मड़ाई ।
कहनी सुनावत हमर डोकरी दाई ।
झूमर झूमर के हिरदे हर हमर कुलकत हे।।
हमर मया के फुलवारी ……
हांसत गावत ये दुनिया मजा करथे ।
रोज कमावत खावत करजा भरथे।
हरियर हरियर सुख के रुख लहकत हे।।
सुघ्घर मया के फुलवारी …..
रतिहा के अंधियारी चंदा के अंजोर ।
आगू आगू बढ़बो हमन नईहन कमजोर ।
करमा ददरिया बाजा मोहरी गदकत हे।।
सुघ्घर मया के फुलवारी …..
……..✍ डॉ .खेदू भारती “सत्येश”
18-01-2024गुरूवार