Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jul 2021 · 1 min read

छोड़ दो तुम साथ मेरा

छोड़ दो तुम साथ मेरा
मैं बसेरा हूँ निशा का।

तोड़ दो तुम प्यार मेरा
मैं अकेला हूँ ईशा का।

ये काली रात ढलते ही
जाना चले आते ऊषा का।

याद रखना उस पेड़ को
जिसमें किया था क्षण बसेरा।

मिल जायेगी कुछ भी निशानी
छूट गयी जो होते सबेरा।
©”अमित”

Language: Hindi
3 Likes · 269 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
■ मनुहार देश-हित में।
■ मनुहार देश-हित में।
*प्रणय प्रभात*
*वानर-सेना (बाल कविता)*
*वानर-सेना (बाल कविता)*
Ravi Prakash
जीवन का रंगमंच
जीवन का रंगमंच
Harish Chandra Pande
2983.*पूर्णिका*
2983.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पथ प्रदर्शक पिता
पथ प्रदर्शक पिता
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
#अज्ञानी_की_कलम
#अज्ञानी_की_कलम
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
Shaily
व्यावहारिक सत्य
व्यावहारिक सत्य
Shyam Sundar Subramanian
पर्यावरणीय सजगता और सतत् विकास ही पर्यावरण संरक्षण के आधार
पर्यावरणीय सजगता और सतत् विकास ही पर्यावरण संरक्षण के आधार
डॉ०प्रदीप कुमार दीप
सहचार्य संभूत रस = किसी के साथ रहते रहते आपको उनसे प्रेम हो
सहचार्य संभूत रस = किसी के साथ रहते रहते आपको उनसे प्रेम हो
राज वीर शर्मा
दर्द को मायूस करना चाहता हूँ
दर्द को मायूस करना चाहता हूँ
Sanjay Narayan
गर्मी
गर्मी
Ranjeet kumar patre
उनकी तस्वीर
उनकी तस्वीर
Madhuyanka Raj
*जिंदगी के  हाथो वफ़ा मजबूर हुई*
*जिंदगी के हाथो वफ़ा मजबूर हुई*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
3-“ये प्रेम कोई बाधा तो नहीं “
3-“ये प्रेम कोई बाधा तो नहीं “
Dilip Kumar
అందమైన తెలుగు పుస్తకానికి ఆంగ్లము అనే చెదలు పట్టాయి.
అందమైన తెలుగు పుస్తకానికి ఆంగ్లము అనే చెదలు పట్టాయి.
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
-बहुत देर कर दी -
-बहुत देर कर दी -
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
आखिर मैं हूं ऐसी क्यों
आखिर मैं हूं ऐसी क्यों
Lovi Mishra
तेरी मुहब्बत से, अपना अन्तर्मन रच दूं।
तेरी मुहब्बत से, अपना अन्तर्मन रच दूं।
Anand Kumar
*फंदा-बूँद शब्द है, अर्थ है सागर*
*फंदा-बूँद शब्द है, अर्थ है सागर*
Poonam Matia
"मैं आग हूँ"
Dr. Kishan tandon kranti
ये जो मुहब्बत लुका छिपी की नहीं निभेगी तुम्हारी मुझसे।
ये जो मुहब्बत लुका छिपी की नहीं निभेगी तुम्हारी मुझसे।
सत्य कुमार प्रेमी
हवाओं ने बड़ी तैय्यारी की है
हवाओं ने बड़ी तैय्यारी की है
Shweta Soni
"मैं" के रंगों में रंगे होते हैं, आत्मा के ये परिधान।
Manisha Manjari
हुई नैन की नैन से,
हुई नैन की नैन से,
sushil sarna
हर कोई समझ ले,
हर कोई समझ ले,
Yogendra Chaturwedi
अयोध्या धाम
अयोध्या धाम
Mukesh Kumar Sonkar
मैं हु दीवाना तेरा
मैं हु दीवाना तेरा
Basant Bhagawan Roy
माना सांसों के लिए,
माना सांसों के लिए,
शेखर सिंह
देव्यपराधक्षमापन स्तोत्रम
देव्यपराधक्षमापन स्तोत्रम
पंकज प्रियम
Loading...