छोड़ दे
हर किसी को आज़माना छोड़ दे
राह में कांटे बिछाना छोड़ दे
दे दुआएं हर किसी को दिल से तूँ
गरीबों का दिल दुखाना छोड़ दे।
क्यों जलाता उंगलियां बेकार में
चिरागों को बस बुझाना छोड़ दे
हर कोई होता नही है बेवफा
आईना सबको दिखाना छोड़ दे
सब नमक लेकर के फिरते हैं यहां
ज़ख्म तूँ सबको दिखाना छोड़ दे।