छोड़ दो बांटना
छोड़ दो हर चीज़ को बांटना
हर बात पर अपने पराए को छांटना
ये अपना ये पराया, ये छोटा ये बड़ा
इस तरह जीवन है मुश्किल काटना
बांटें जा रहे परिवार भी आज
महिला पुरुष के नाम पर
मकसद इसका जो भी रहा हो
लेकिन ये अच्छा नहीं है काम पर
बांटना ही है तुमको तो प्यार बांटो
कोई रोक नहीं इसपर बेहिसाब बांटो
प्यार से भरी हो हर ज़िंदगी यहां
इसलिए हर वक्त सिर्फ प्यार बांटो
नफरतों को प्यार ही जीतेगा
है यकीन मुझे आज नहीं तो कल
कब समझेंगे हम ये छोटी सी बात
इन तकरारों में बीत न जाए ये पल
बांटकर जीत सकते है जंग
दिलों को नहीं जीत सकते हम
जो चाहते हो दिलों को जीतना
बांटने का हुनर अब छोड़ दें हम।