छोड़ दिया
ज़ख्म क्या है,दिखाना छोड़ दिया।
गम क्या है,बताना छोड़ दिया।
आँखें नम हैं,जताना छोड़ दिया।
मुस्कुराहटें कायम हैं,दिल ने इतना तोड़ दिया।
✍️सृष्टि बंसल
ज़ख्म क्या है,दिखाना छोड़ दिया।
गम क्या है,बताना छोड़ दिया।
आँखें नम हैं,जताना छोड़ दिया।
मुस्कुराहटें कायम हैं,दिल ने इतना तोड़ दिया।
✍️सृष्टि बंसल