छोड़ दिया अब
छोड़ दिया प्यार करना अब उससे जिससे करना उस भगवान से मनाया था ।
उस इंसान के लिए खुदका ही दिल हर बार दुखाया था।
मिलना शायद कभी न लिखा था जिंदगी में उससे
फिर भी पता नहीं क्यों भगवान ने उससे बात करने का जरिया दिखाया था ।
इज़हार करने से पहले उसे मैंने किसी और की चाहत में मैंने पाया था ।
भगवान करे उसको भी वो न मिले जिसको उसने रब से फरमाया था ।
तोड़के दिल उसका भी बता दें उसे केसे उसके लिए मैंने आंसू बहाया था ।
– Prachi Verma