Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Nov 2023 · 1 min read

छोड़ आलस

छोड़ आलस प्रभु का तू गुणगान कर
राम जी ही लगाएँ तुझे पार रे
क्या रखा है जगत में प्रभु के सिवा
बोल वैकुंठ है जग का आधार रे

पाप का अंत करने वो ललकारते
बाण की नोक पर राम जग तारते
घोर वनवास को जब सिया चल पड़ी
देख कर ये व्यथा शाम ख़ुद हारते
राम की हार तो सब की ही हार रे
बोल वैकुंठ है जग का आधार रे …..

अपनी संतान के सुख से वंचित रहे
राम का दुख समझ में न आया किसे
राम की इस व्यथा से परे जग रहा
तू ने तो उम्र भर देख, पाया किसे
खोल दिल के सकल झूठे सब द्वार रे
बोल वैकुंठ है जग का आधार रे…..

Language: Hindi
107 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वर्षों जहां में रहकर
वर्षों जहां में रहकर
पूर्वार्थ
शाइरी ठीक है जज़्बात हैं दिल के लेकिन
शाइरी ठीक है जज़्बात हैं दिल के लेकिन
Neeraj Naveed
कहूँ तो कैसे कहूँ -
कहूँ तो कैसे कहूँ -
Dr Mukesh 'Aseemit'
*नारी को देवी कहो, नारी पूज्य महान (कुंडलिया)*
*नारी को देवी कहो, नारी पूज्य महान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
हे परमपिता मिले हमसफ़र जो हर इक सफ़र में भी साथ दे।
हे परमपिता मिले हमसफ़र जो हर इक सफ़र में भी साथ दे।
सत्य कुमार प्रेमी
फूल   सारे   दहकते  हैं।
फूल सारे दहकते हैं।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
हम मुस्कुराते हैं...
हम मुस्कुराते हैं...
हिमांशु Kulshrestha
..
..
*प्रणय*
भाईदूज
भाईदूज
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
वो छोटी सी चोट पे पूरा घर सिर पे उठाने वाली लड़की...
वो छोटी सी चोट पे पूरा घर सिर पे उठाने वाली लड़की...
Kajal Singh
मन कहता है
मन कहता है
Seema gupta,Alwar
നിന്റെ ഓർമ്മകൾ
നിന്റെ ഓർമ്മകൾ
Heera S
श्री कृष्ण भजन 【आने से उसके आए बहार】
श्री कृष्ण भजन 【आने से उसके आए बहार】
Khaimsingh Saini
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
न जाने  कितनी उम्मीदें  मर गईं  मेरे अन्दर
न जाने कितनी उम्मीदें मर गईं मेरे अन्दर
इशरत हिदायत ख़ान
जबसे उनको रकीब माना है।
जबसे उनको रकीब माना है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
रोशनी
रोशनी
Neeraj Agarwal
लोककवि रामचरन गुप्त एक देशभक्त कवि - डॉ. रवीन्द्र भ्रमर
लोककवि रामचरन गुप्त एक देशभक्त कवि - डॉ. रवीन्द्र भ्रमर
कवि रमेशराज
नयी सुबह
नयी सुबह
Kanchan Khanna
काल के काल से - रक्षक हों महाकाल
काल के काल से - रक्षक हों महाकाल
Atul "Krishn"
ग़ज़ल _ दर्द भूल कर अपने, आप मुस्कुरा देना !
ग़ज़ल _ दर्द भूल कर अपने, आप मुस्कुरा देना !
Neelofar Khan
रात भर नींद भी नहीं आई
रात भर नींद भी नहीं आई
Shweta Soni
ख़ुद में खोकर ख़ुद को पा लेने का नाम ही ज़िंदगी है
ख़ुद में खोकर ख़ुद को पा लेने का नाम ही ज़िंदगी है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नव वर्ष
नव वर्ष
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
सफ़र
सफ़र
Shashi Mahajan
*श्रीराम*
*श्रीराम*
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
पैसा है मेरा यार, कभी साथ न छोड़ा।
पैसा है मेरा यार, कभी साथ न छोड़ा।
Sanjay ' शून्य'
संवेदनापूर्ण जीवन हो जिनका 🌷
संवेदनापूर्ण जीवन हो जिनका 🌷
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दुनिया रंग दिखाती है
दुनिया रंग दिखाती है
Surinder blackpen
अरुणोदय
अरुणोदय
Manju Singh
Loading...