छोड़ो मेरे हाल पे हमको
छोड़ो मेरे हाल पे हमको दिल को हम बहला ही लेंगे.
झूंठा कोई बहाना देकर प्यार के गम समझा ही लेंगे.
लाख बुरे हैं मेरे सलीके फिर भी अपने प्यार की खातिर
तुम हमको भरपूर सजा दो , हम तो तुम्हें दुआ ही देंगे.
देखेंगे मेरी महफिल में कैसे अंधेरा अब होगा
सूरज उधर बिदाई लेगा , दिल हम इधर जला ही लेंगे .
तुमसे खुशी तो मिल न सकी, तुम अपनी उदासी ही दे दो.
तुमको तो अपना न सके हम, ग़म को तो अपना ही लेगे.
अपने टूटे नाते की लोगो को खबर मत कर देना,
जान से प्यारा यह दर्दे-दिल, बरना लोग बटा ही लेंगे”
संजय नारायण