छोड़ो झूठी बात बनाना
छोड़ो झूठी बात बनाना…
छोड़ो झूठी बात बनाना
नहीं रुकेगा कपट कमाना..
मालुम तो है ही यह सबको
भरता नहीं है कभी खजाना…
ढ़ह जायेगा महल एक दिन
व्यर्थ ही होगा लूट सजाना…..
लाख छिपाओ नहीं छिपेगा
जिसे चाहते रोज छिपाना…
चलता नहीं वहाँ पर कोई
बेबुनियादी एक बहाना..
बस उतने ही दिन खायेंगे
लिखा हुआ जितने दिन खाना….
आये हैं जाना भी होगा
चंद दिनों का महज ठिकाना…
कार्य करो कुछ ऐसा जिससे
याद करे हर रोज जमाना….
डाॅ. राजेन्द्र सिंह ‘राही’
दिनांक 06-11-2020