*छोटे होने में मजा, छोटे घास समान (कुंडलिया)*
छोटे होने में मजा, छोटे घास समान (कुंडलिया)
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छोटे होने में मजा, छोटे घास समान
ऑंधी या तूफान कब, कर पाते नुकसान
कर पाते नुकसान, नम्र सौ वर्षों जीता
लेकर मृदु मुस्कान, सहज जीवन-रस पीता
कहते रवि कविराय, नहीं भीतर से खोटे
पद-प्रसिद्धि से दूर, धन्य जो रहते छोटे
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451