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28 May 2018 · 1 min read

छोटे बालक

छोटे छोटे से बालक हम
छोटे छोटे हैं अभी कदम
मन उड़ता पर नील गगन में
बहुत हौसलों में अपने दम

संस्कारों में तपना हमको
अभी घड़े हैं हम तो कच्चे
बनना भी इंसान भला है
रहना है बस मन के सच्चे
जरा बड़ा हो जाने दो हम
नहीं किसी से भी होंगे कम
छोटे छोटे से बालक हम
छोटे छोटे हैं अभी कदम

सीख रहे मम्मी पापा से
सच्चाई के पथ पर चलना
सीख रहे हैं गुरुओं से भी
खूब यहां हम पढ़ना लिखना
भर देंगे फिर वहां रोशनी
जहां जहां भी रहते हैं तम
छोटे छोटे से बालक हम
छोटे छोटे हैं अभी कदम

28-05-2018
डॉ अर्चना गुप्ता

Language: Hindi
469 Views
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