छोटी-सी जिंदगी छोटी-सी ख़ुशी यही तो हैं जिंदगी…
छोटा-सा एक फंक्शन क्या खूब था आयोजन,
अपनों का इंतजार, आगमनसे लेकर अंत तक…!
आतुरता की वो घड़ियाँ खोल देंगी हमारी बेड़ियाँ,
चारों और थी खुशियाँ अनंत
जैसे बारिश की रिमझिम….रिमझिम..!!
अपनों से मिलके बाटेंगे दर्द,
मिलेगा सुकून अनहद,
बातें होंगी आधी रात तक,
फिर भी… बातों का पिटारा रहेगा भरा का भरा..!
मन भरेंगा ही नहीं, होंगी वक्त की कमी,
फिर…. बिछड़ने का दुःख..!..!
छोटी-सी जिंदगी…!.!..!
छोटी-सी ख़ुशी.. यही तो हैं प्यारे जिंदगी…