छोटी सी चाहत
लक्ष्मण जैसा भाई
हनुमान जैसा मित्र
मिल जाए जो तुझे
फिर काहे की फिक्र।।
मिल जाए सीता जैसी भार्या
और राधा जैसी प्रेयसी
दुनिया में होता जिनका जिक्र
फिर तुझे काहे की फिक्र।।
सखा हो सुदामा के जैसा
एक मित्र हो कर्ण के जैसा
फिर कोई नहीं भाग्यशाली
इस जहां में तुम्हारे जैसा।।
शिष्य बने अर्जुन के जैसा
मिले आचार्य द्रोण के जैसा गुरु
और क्या चाहिए उसे, ऐसे
करता है जो जीवन शुरू।।
प्यार मिले बेटी के जैसा
पति मिले राम के जैसा
और क्या चाहिए एक बेटी को
मिल जाए ससुराल अगर ऐसा।।
हो जीवन में प्यार जिसके
हो साथ हमसफर जिसके
पसंद करती है रहना फिर
खुशियां भी घर में उसके।।
आजीवन सानिध्य मिले
मां बाप का जिसको
क्या ज़रूरत है फिर जन्नत
में जाने की उसको।।