छोटी सी आशा
मत बांधो इस पिंजरे में
उड़ने दो इस खुले आसमान में
लड़की हूं तो क्या हुआ हूं तो एक इंसान ही
रखती हूं एक छोटा सा दिल
उस दिल में है एक छोटी सी आशा
सजाएं हैं सपनों को अपनी इन आंखों में
करना है कुछ ऐसा काम
कर जाऊं अपना अपने देश का रोशन नाम
है करने की कुछ कोशिश मेरी भी
मेरी एक छोटी सी आशा को मिल जाए एक खुला आसमान सा
यह समाज की जकड़ती बेड़ियां मेरी आशाओं को ना रोक पाएगी
बेटी हूं मैं अपनी मां की एक बेटी कुछ ऐसा काम कर जाएगी
दिल में उठती एक छोटी सी आशा इन आशाओं को पंख लग जाने दो
फिर रखना मुझ पर भी फिर एक आशा बस मेरे पंखों से एक बार उड़ान भर लेने दो
मेरे दिल में उठती छोटी सी आशा बस मुझे खुले आसमान में उड़ लेने दो
*** नीतू गुप्ता