Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Mar 2018 · 1 min read

#रुबाइयाँ

छोटी-छोटी बातों पर जो , नाराज़ नहीं होते हैं।
वो मानव हरपल यारो , ख़ुशियाँ ही संजोते हैं।।
चैन गवाँँकर जीवन जीना , पलपल मरना होता है;
नादान कहूँगा मैं उनको ; जो ख़ुद काँटे बोते हैं।।

सच जीवन का जिसने जाना , वो ज्ञानी कहलाया है।
झूठा जीवन तो जग में , माया का बहलाया है।।
भ्रम से मानव अभिमानी है , मर्म समझकर गर्वित हो;
गर्व उसी का सच्चा होता , प्रेम दया उर लाया है।।

दर्द माँजता जीवन को , हृदय यही चमकाता है।
जैसे सोना जले अग्नि में , कुंदन वो हो जाता है।।
हार सिखाती है मानव को , जीत दंभ में लाती है।
हार-जीत के संगम से ही , मनुज-मनुज बन पाता है।।

दिन-रात बनाए मालिक ने , चंचल मन समझाने को।
जीवन की रीत सिखाने को , जीवन मीत बनाने को।।
पर मानव भ्रम का पुतला है , नहीं संतुलन समझे वो;
लालच में पागल होता है , सत्य सदा ठुकराने को।।

#आर.एस.’प्रीतम’

Language: Hindi
384 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
*अपने गुट को अच्छा कहना, बाकी बुरा बताना है (हिंदी गजल)*
*अपने गुट को अच्छा कहना, बाकी बुरा बताना है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
महबूबा से
महबूबा से
Shekhar Chandra Mitra
वो और राजनीति
वो और राजनीति
Sanjay ' शून्य'
मेला दिलों ❤️ का
मेला दिलों ❤️ का
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ग़ज़ल (थाम लोगे तुम अग़र...)
ग़ज़ल (थाम लोगे तुम अग़र...)
डॉक्टर रागिनी
Haiku
Haiku
Otteri Selvakumar
नज़र भर देखने के लिए चेहरा छिपाना पड़ता है,
नज़र भर देखने के लिए चेहरा छिपाना पड़ता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
भीनी भीनी आ रही सुवास है।
भीनी भीनी आ रही सुवास है।
Omee Bhargava
हिंदी
हिंदी
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
हवन - दीपक नीलपदम्
हवन - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
अभी कहाँ विश्रांति, कार्य हैं बहुत अधूरा।
अभी कहाँ विश्रांति, कार्य हैं बहुत अधूरा।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
कोई ऐसा बोलता है की दिल में उतर जाता है
कोई ऐसा बोलता है की दिल में उतर जाता है
कवि दीपक बवेजा
स्त्री
स्त्री
Ajay Mishra
थोड़ा सा अजनबी बन कर रहना तुम
थोड़ा सा अजनबी बन कर रहना तुम
शेखर सिंह
#शीर्षक:- गणेश वंदन
#शीर्षक:- गणेश वंदन
Pratibha Pandey
2757. *पूर्णिका*
2757. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मै पा लेता तुझे जो मेरी किस्मत करब ना होती|
मै पा लेता तुझे जो मेरी किस्मत करब ना होती|
Nitesh Chauhan
हरी भरी तुम सब्ज़ी खाओ|
हरी भरी तुम सब्ज़ी खाओ|
Vedha Singh
बढ़ी हैं दूरियाँ दिल की भले हम पास बैठे हों।
बढ़ी हैं दूरियाँ दिल की भले हम पास बैठे हों।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
"रहमतों के भरोसे"
Dr. Kishan tandon kranti
*मेरी गुड़िया सबसे प्यारी*
*मेरी गुड़िया सबसे प्यारी*
Dushyant Kumar
बदलता साल
बदलता साल
डॉ. शिव लहरी
ऐ सूरज तू अपनी ताप को अब कम कर दे
ऐ सूरज तू अपनी ताप को अब कम कर दे
Keshav kishor Kumar
जो लोग बलात्कार करते है
जो लोग बलात्कार करते है
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
अगर ना मिले सुकून कहीं तो ढूंढ लेना खुद मे,
अगर ना मिले सुकून कहीं तो ढूंढ लेना खुद मे,
Ranjeet kumar patre
हमारी लंबी उम्र जितिया करने वाली से होती है, करवा चौथ करने व
हमारी लंबी उम्र जितिया करने वाली से होती है, करवा चौथ करने व
Sandeep Kumar
एक सच और सोच
एक सच और सोच
Neeraj Agarwal
नज़दीक आने के लिए दूर जाना ही होगा,
नज़दीक आने के लिए दूर जाना ही होगा,
Ajit Kumar "Karn"
सफर जीवन का चलता रहे जैसे है चल रहा
सफर जीवन का चलता रहे जैसे है चल रहा
पूर्वार्थ
वो मेरी पाज़ेब की झंकार से बीमार है
वो मेरी पाज़ेब की झंकार से बीमार है
Meenakshi Masoom
Loading...