#रुबाइयाँ
छोटी-छोटी बातों पर जो , नाराज़ नहीं होते हैं।
वो मानव हरपल यारो , ख़ुशियाँ ही संजोते हैं।।
चैन गवाँँकर जीवन जीना , पलपल मरना होता है;
नादान कहूँगा मैं उनको ; जो ख़ुद काँटे बोते हैं।।
सच जीवन का जिसने जाना , वो ज्ञानी कहलाया है।
झूठा जीवन तो जग में , माया का बहलाया है।।
भ्रम से मानव अभिमानी है , मर्म समझकर गर्वित हो;
गर्व उसी का सच्चा होता , प्रेम दया उर लाया है।।
दर्द माँजता जीवन को , हृदय यही चमकाता है।
जैसे सोना जले अग्नि में , कुंदन वो हो जाता है।।
हार सिखाती है मानव को , जीत दंभ में लाती है।
हार-जीत के संगम से ही , मनुज-मनुज बन पाता है।।
दिन-रात बनाए मालिक ने , चंचल मन समझाने को।
जीवन की रीत सिखाने को , जीवन मीत बनाने को।।
पर मानव भ्रम का पुतला है , नहीं संतुलन समझे वो;
लालच में पागल होता है , सत्य सदा ठुकराने को।।
#आर.एस.’प्रीतम’