Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jun 2021 · 1 min read

छोटी-छोटी चींटियांँ

छोटी-छोटी चींटियांँ,
चलती हैं एक पंगत में,

काली भूरी दिखती हैं ,
जी भर कर मेहनत करती हैं ,

मीठे-मीठे व्यंजन में,
झटपट से भीड़ जुटाती हैं ,

प्यारी चींटी ढ़ेरों चींटी ,
छेड़ोगे तो काटेगी तेजी ,

नन्हीं जान बसती चींटी में ,
संगठित हो काम करती जीती है ,

सब बच्चे सीखो इन चींटियों से ,
अनुशासन रखती सदियों से ।

# बुद्ध प्रकाश ;मौदहा हमीरपुर

5 Likes · 2 Comments · 476 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Buddha Prakash
View all
You may also like:
मेरे खाते में भी खुशियों का खजाना आ गया।
मेरे खाते में भी खुशियों का खजाना आ गया।
सत्य कुमार प्रेमी
वर्तमान समय में रिश्तों की स्थिति पर एक टिप्पणी है। कवि कहता
वर्तमान समय में रिश्तों की स्थिति पर एक टिप्पणी है। कवि कहता
पूर्वार्थ
*खो दिया है यार को प्यार में*
*खो दिया है यार को प्यार में*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
करे मतदान
करे मतदान
Pratibha Pandey
4943.*पूर्णिका*
4943.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
होता है तेरी सोच का चेहरा भी आईना
होता है तेरी सोच का चेहरा भी आईना
Dr fauzia Naseem shad
संवादरहित मित्रों से जुड़ना मुझे भाता नहीं,
संवादरहित मित्रों से जुड़ना मुझे भाता नहीं,
DrLakshman Jha Parimal
भाग्य - कर्म
भाग्य - कर्म
Buddha Prakash
वह भी चाहता है कि
वह भी चाहता है कि
gurudeenverma198
प्रेम
प्रेम
Sanjay ' शून्य'
बनवास की अंतिम रात्रि
बनवास की अंतिम रात्रि
Shashi Mahajan
महिलाएं जितना तेजी से रो सकती है उतना ही तेजी से अपने भावनाओ
महिलाएं जितना तेजी से रो सकती है उतना ही तेजी से अपने भावनाओ
Rj Anand Prajapati
मुनाफ़िक़ दोस्त उतना ही ख़तरनाक है
मुनाफ़िक़ दोस्त उतना ही ख़तरनाक है
अंसार एटवी
।। अछूत ।।
।। अछूत ।।
साहित्य गौरव
मजदूर
मजदूर
Dr Archana Gupta
"फलों की कहानी"
Dr. Kishan tandon kranti
स्वयं को
स्वयं को "अद्यतन" रखने का सर्वश्रेष्ठ माध्यम है "अध्ययन।"
*प्रणय*
हिन्दी भाषा
हिन्दी भाषा
surenderpal vaidya
शीर्षक - 'शिक्षा : गुणात्मक सुधार और पुनर्मूल्यांकन की महत्ती आवश्यकता'
शीर्षक - 'शिक्षा : गुणात्मक सुधार और पुनर्मूल्यांकन की महत्ती आवश्यकता'
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
संवेदना बोलती आँखों से 🙏
संवेदना बोलती आँखों से 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
खत
खत
Punam Pande
अब नहीं घूमता
अब नहीं घूमता
Shweta Soni
खूब निभायी दोस्ती ,
खूब निभायी दोस्ती ,
sushil sarna
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
हिन्दी मन की पावन गंगा
हिन्दी मन की पावन गंगा
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
बेदर्द ज़माने ने क्या खूब सताया है…!
बेदर्द ज़माने ने क्या खूब सताया है…!
पंकज परिंदा
हमें सलीका न आया।
हमें सलीका न आया।
Taj Mohammad
प्रेम गीत :- वक़्त का कारवां...
प्रेम गीत :- वक़्त का कारवां...
मनोज कर्ण
*पाई जग में आयु है, सबने सौ-सौ वर्ष (कुंडलिया)*
*पाई जग में आयु है, सबने सौ-सौ वर्ष (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
व्यवहार अपना
व्यवहार अपना
Ranjeet kumar patre
Loading...