छोटी की अभिलाषा
छोटी की अभिलाषा
झुग्गी झोपड़ी का बच्चा करे गुहार
शिक्षा है मेरा अधिकार ,
कहीं समाज ना दे मुझे नकार,
मेरी है बस यही पुकार ।
स्कूल मेरा है बहुत दूर ,
जा नहीं सकता, हूं मजबूर ,
न पैर में चप्पल, न तन पर कपड़ा,
माता-पिता मेरे मजदूर ।
साइकिल नहीं, वैन नहीं,
जेब में मेरे पैन नहीं ,
सुख सुविधाओं से वंचित,
जीवन में सुख चैन नहीं ।
माता-पिता पढ़ नहीं पाए,
जीवन में कुछ कर नहीं पाए,
मेरी है छोटी है मेरी आशा,
पूरी करो मेरी अभिलाषा ।
पढ़ना चाहता हूं मैं रोज ,
बनना नहीं है, समाज पर बोझ
ला दो मेरे दर पर शिक्षा,
जीवन में ना रहे अशिक्षा ।।