Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Dec 2022 · 1 min read

छुपा लो मुझे तेरे दिल में

तुम तो बस गए हो मेरे दिल में
मुझे भी थोड़ी सी जगह चाहिए तेरे दिल में
ये तो अच्छा नहीं तू मेरे दिल में
और मेरे लिए जगह नहीं तेरे दिल में

परेशानी तो तुझे भी होगी बहुत
खाली रहेगी जगह जब तेरे दिल में
देखकर दुखी तुझको मेरे सनम
फिर खलबली मच जाएगी मेरे दिल में

तुम भी हो जाओगे परेशान
जो न दी जगह तुमने मुझे तेरे दिल में
न करो तुम मुझे भी परेशान
अब दे दो जगह तुम मुझे तेरे दिल में

बात है ये छोटी सी तेरे लिए
मेरा तो सपना है रहना तेरे दिल में
जाने तू क्यों समझता नहीं
मुझे मिल जायेगी जन्नत तेरे दिल में

ये ज़िंदगी का सफ़र सुकून से
मेरे सनम, कट जायेगा तेरे दिल में
जी रहा हूं मैं भी इनके सहारे
जो ये धड़कने चलती है तेरे दिल में

है प्यार मुझे तुमसे बहुत
अब थोड़ी सी जगह दे दो तेरे दिल में
कह दो जो भी कहना चाहते हो
अब कुछ भी न रखो तेरे दिल में

छुपा लो मुझे ज़माने की नजरों से
खो गया तो कैसे आऊंगा मैं तेरे दिल में
अगर खो जाऊंगा मैं तो जी न पाऊंगा
है वक्त अभी भी, छुपा लो मुझे तेरे दिल में।

Language: Hindi
11 Likes · 2 Comments · 1580 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
View all
You may also like:
"बेज़ारे-तग़ाफ़ुल"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
पर्यावरण
पर्यावरण
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
थोड़ा सच बोलके देखो,हाँ, ज़रा सच बोलके देखो,
थोड़ा सच बोलके देखो,हाँ, ज़रा सच बोलके देखो,
पूर्वार्थ
नेता खाते हैं देशी घी
नेता खाते हैं देशी घी
महेश चन्द्र त्रिपाठी
एकाकीपन
एकाकीपन
लक्ष्मी सिंह
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
लगे रहो भक्ति में बाबा श्याम बुलाएंगे【Bhajan】
लगे रहो भक्ति में बाबा श्याम बुलाएंगे【Bhajan】
Khaimsingh Saini
साँवलें रंग में सादगी समेटे,
साँवलें रंग में सादगी समेटे,
ओसमणी साहू 'ओश'
तुम जब भी जमीन पर बैठो तो लोग उसे तुम्हारी औक़ात नहीं बल्कि
तुम जब भी जमीन पर बैठो तो लोग उसे तुम्हारी औक़ात नहीं बल्कि
Lokesh Sharma
आदमी की संवेदना कहीं खो गई
आदमी की संवेदना कहीं खो गई
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
विश्वास
विश्वास
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
खालीपन – क्या करूँ ?
खालीपन – क्या करूँ ?
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मैं एक फरियाद लिए बैठा हूँ
मैं एक फरियाद लिए बैठा हूँ
Bhupendra Rawat
मन बड़ा घबराता है
मन बड़ा घबराता है
Harminder Kaur
17)”माँ”
17)”माँ”
Sapna Arora
"सवाल"
Dr. Kishan tandon kranti
गुरु बिन गति मिलती नहीं
गुरु बिन गति मिलती नहीं
अभिनव अदम्य
"मैं एक पिता हूँ"
Pushpraj Anant
■ दोहात्मक मंगलकामनाएं।
■ दोहात्मक मंगलकामनाएं।
*प्रणय प्रभात*
दोहा
दोहा
sushil sarna
3303.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3303.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
"" *श्री गीता है एक महाकाव्य* ""
सुनीलानंद महंत
भय
भय
Shyam Sundar Subramanian
पाँव पर जो पाँव रख...
पाँव पर जो पाँव रख...
डॉ.सीमा अग्रवाल
मेरे पास नींद का फूल🌺,
मेरे पास नींद का फूल🌺,
Jitendra kumar
*देना सबको चाहिए, अपनी ऑंखें दान (कुंडलिया )*
*देना सबको चाहिए, अपनी ऑंखें दान (कुंडलिया )*
Ravi Prakash
सुविचार
सुविचार
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
बिना शर्त खुशी
बिना शर्त खुशी
Rohit yadav
हँसते हैं, पर दिखाते नहीं हम,
हँसते हैं, पर दिखाते नहीं हम,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...