*** छुपाकर रखूंगा दिल में ***
छुपाकर रखूंगा दिल में तुझको मैं अपने
दिखाकर रखूंगा शीशा-ए-दिल में अपने
घर-दिलअपना ना तूं जाये ना जाने मैं दूं
कहने दे अब तो रहने दे दिल में अपने ।।
?मधुप बैरागी
बेकाबू है आज दिल अपना यारो
फिर कहो स्वप्न कैसे हो काबू यारो
दिन फिर भी निकल जाता है सब्र
रात बेकाबू – काबू कैसे हो यारों ।।
?मधुप बैरागी