छुट्टी चन्दा मामा के घर
मम्मी इस छुट्टी में चंदा मामा के घर जाना है
चरखा कात रही नानी से मुझको मिलकर आना है
गर्मी की छुट्टी में सूरज तपकर बहुत सताता है
कड़ी धूप में बाहर जाने में भी दिल घबराता है
लेकिन चंदा मामा के घर जरा नहीं गर्मी होगी
वहां चांदनी के कारण तो, दिन रातें ठंडी होगी
पूछूंगा मैं ये मामा से कहाँ चले तुम जाते हो
कभी दिखाते सुंदर मुखड़ा कभी कहीं छुप हो
घटता बढ़ता रूप तुम्हारा वैसे अच्छा लगता है
मगर तुम्हारे बिन नभ सारा सूना सूना लगता है
मामा पूरे आसमान की मुझको सैर कराएंगे
झिलमिल झिलमिल तारों से भी मुझको वो मिलवाएंगे
सप्तऋषि तारा मंडल ये कितना प्यारा लगता है
और चमकता ध्रुव तारा भी एक अजूबा लगता है
इन्हें पास से देखूँगा जब फूला नहीं समाऊंगा
इस बार छुट्टियों में चंदा मामा के घर ही जाऊंगा
22-07-2019
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद