छीन लिए है जब हक़ सारे तुमने
छीन लिए है जब हक़ सारे तुमने,
फिर बार बार क्यों तुम आते हो।
दरवाजे सारे बंद हो चुके है अब,
फिर बार बार क्यों खटकाते हो।।
होता है प्रेम जिंदगी में एक बार,
ये बार बार जिंदगी में न होता है।
प्रेम कोई गुड्डे गुड़ियों का खेल नही,
ये जिंदगी में मुश्किल से होता है।।
मांग भर दी जब तुमने एक बार,
ये बार बार न कभी भरी जाती है।
दुल्हन बनती है औरत एक बार,
ये बार बार जिंदगी में न बनती है।।
दिल के शोले तुम भड़का चुके हो,
फिर बार बार तुम क्यो भड़काते हो,
दिल ले लिया जब तुमने एक बार मेरा,
फिर बार बार क्यों तुम लौटाते हो
दिल की ख्वाइसे राख हो चुकी है,
फिर बार बार इन्हे क्यों सुलगाते हो,
जो धड़काने वाला दिल था कभी मेरा
उसे ही धड़काना तुम भूल जाते हो।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम