छात्र का जीवन, मोज -मस्ती
छात्र का जीवन, मोज -मस्ती
छात्र का जीवन, मोज -मस्ती का
मिलता सभी का स्नेह और आशीष
पढाई के अतिरिक्त जीवन में
कोई और जिम्मेदारी नहीं पास।
बदले दुनिया ज्यों -ज्यों
विद्यार्थी बदले त्यों – त्यों
पहले की अपेक्षा ज्यादा बुद्धिमान
साथ कुछ विसंगतियां का मिलाप ।
सोशल मीडिया का असर ,
कम है शिक्षक का सम्मान,
ऑनलाइन के कक्षा में
नहीं है खोफ है ,अध्यापक का ।
अब तो ओर भी मोज है
१० और १२ का परीक्षा रद्द
कुछ ने किया था कड़ा परिश्रम
अब है थोड़ी आराम की पारी ।
संघर्ष के इस जीवन काल में
चुकाना पड़ेगा कीमत बहुत।
पर अभी तो मौज बची रहे
संघर्ष के इस जीवन काल में।।
गौतम साव