छाज व चलनी पर वर्ण पिरामिड
विधा वर्ण पिरामिड, छाज़ व छलनी पर
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हे !
छाज
तुझमें
सफाई की
आदत पड़ी
जब तू फटके
कोई भी न अटके
ए !
चलनी
तेरे में है
अनेको छेद
जब तू छानती है
कर देती है सबको
अलग अलग करके भेद
आर के रस्तोगी गुरुग्राम