छलिया है ये बादल
छलिया है ये बादल,
आसमां का शायराना हाल,
उड़ते फिरते दिशाओं में,
करते हैं दिल को बेहाल।
कभी बनते हैं तस्वीरें,
कभी देते हैं रंगीन ख्वाब,
इनकी हरकतों से लगता,
जैसे हो कोई रास की रात।
छुपाते सूरज की किरणें,
लाते कभी ठंडी बूंदें,
कभी चाँदनी में झलकते,
कभी सर्दी की ठिठुरन देते।
प्रकृति की लीला में रमें,
हर पल नई कहानियाँ बुनें,
छलिया ये बादल चलते रहें,
दिलों में अद्भुत रंग भरें।
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