छम्मकछल्लो
ठाणे की एक अदालत का सराहनीय फ़ैसला आया है,
महिला को “छम्मकछल्लो ” कहना जुर्म ठहराया है।
शब्द ,इशारे या किसी गतिविधि से महिला का अपमान होने पर
केस दर्ज़ होता है –
भारतीय दंड संहिता की धारा 509
केस दर्ज़ हुआ : 09 -01 -2009
आरोप – पड़ोसी पुरुष ने “छम्मकछल्लो” कहकर पड़ोसन को अपमानित किया
फ़ैसला – आरोप सही , शब्द अपमानजनक
सज़ा – अदालत उठने तक साधारण क़ैद
जुर्माना -एक भारतीय रुपया
केस की अवधि – साढ़े आठ साल से अधिक
पुलिस – केस दर्ज़ नहीं किया।
अँग्रेज़ी में न इसका समानार्थी मिला,
पुरुष की कुंठा का प्रमाण मिला।
मन-मस्तिष्क पर कोई शब्द कितना असरदार होता है,
ऐसा फ़ैसला
बे-अदब गुनाहगारों के लिए बा-असर ख़बरदार होता है।
अपने अहम को तत्क्षण तृप्त कर कहने वाला भूल जाता है,
लक्षित-श्रोता को कटु-शब्द पल-पल दिन-रात सालता है।
भाषा की समृद्धि नए शब्दों से होती है,
शब्द -प्रहार से कभी चेतना भी रोती है।
दोस्ती-दुश्मनी याद कराते हैं शब्द,
ब्रह्माण्ड में संवाद रचाते हैं शब्द।
केस लड़ने वाली महिला के धैर्य को प्रणाम ,
सबक लें , इज़्ज़त दें , हों न यों बदनाम।
#रवीन्द्र सिंह यादव