राष्ट्रवाद में उदाहरण
कौआ सुनावे कर्कश मधुर संगीत
कोयल करती कूँ कूँ काँव काँव
ऋतु बसंत सी नहीं बहार.
जो सजाये राग मलहार.
जो आये पसंद आपको.
छद्म राष्ट्रवाद है ये
घटाटोप अंधेरे कड़कती बिजली
आँधी तूफां के संग
हर तरफ असुरक्षा
तुलना पाकिस्तां के संग.
निज धर्म कोई नहीं.
ना हो बस स्वतंत्रता से रंग.
होना चाहिए भले
घोट पीसकर पीयें चाहे भंग.
खुद तंग रहे
दूसरों को करे तंग.
लगे लगाये नारे जयश्रीराम
भले इंसानियत रहे तंग.
आज डोर हमारे हाथ है.
कठपुतली हो या पतंग.
मोलभाव जो रखते हो
चाहे जमीन हो जमीर.
उठा खमीर नशे हर इख्तियार.
जब होश में आवोगे.
पीला देंगे कप दो चार.
यही तो है छद्म राष्ट्रवाद
अनोखे प्रेम और प्यार.
न खायेंगे न खाने देंगे
बढ़ते रहेंगे अत्याचार.
सबका साथ सबका विकास
होगा सबका सहयोग.
कौन रोकेगा कैसे रोकेगा
बदले जायेंगे सब विधान.
डॉक्टर महेन्द्र सिंह हंस