छद्म मानव अधिकार वादियो
धन्य है, छद्म मानव अधिकार हिमायतियो
उग्रवाद नस्लवाद के छुपे हुए साथियो
भारत तोड़ विचारधारा के पैरोकारियो
तथाकथित भड़काऊ बुद्धिजीवियो
डिजाइनर मीडिया के डिजाइनर भाइयो
आप कौनसा चश्मा चढ़ाते हैं?
मानव अधिकार हनन के मामले
आपको कहीं बेवजह नजर आते हैं?
कहीं घोर हनन भी नजरअंदाज हो जाते हैं ?
आपको नहीं दिखा 5 लाख निर्वासित पंडितों का दर्द?
आपको नहीं दिखा पत्थर खाते सुरक्षाबलों का दर्द?
आपको नहीं दिखता नक्सलवाद मैं शहीद हुए पुलिस परिवारों का दर्द?
आपको नहीं दिखता पाकिस्तान में हो रहा अल्पसंख्यकों का दर्द?
पाक अधिकृत काश्मीर, स्वात, बलूचिस्तान के जख्म?
आप बेवजह के मुद्दे क्यों उठाते हैं?
आप किसका भाड़ खाते हैं?
भोली भाली जनता को क्यों भड़काते हैं?
क्यों आपसे प्रगति करता भारत देखा नहीं जाता है?
या आप विघ्न संतोषी हैं? जो हंगामा ही सुहाता है?
सुरेश कुमार चतुर्वेदी