छत्रपति वीर शिवाजी।
17 वी शताब्दी में तांडव हुआ था
1627 में पूना के शिवनेर किले में
जन्म शिवाजी ने लिया था।
पिता शाह जी भोंसले और
माता जीजाबाई थीं
पुत्र की खुशी पूरे शहर में मनाई थी
माता का प्रभाव
ध्यान दादा कोंडदेव ने रखा था
शिवाजी ने वहीं किया
जो गुरु रामदास से सिखा था।
बीजापुर का सुल्तान शिवाजी पर खीजा था
अफज़ल खां को आदिल शाह ने भेजा था
शिवाजी ने इन्हें मार कर ही बीजापुर जीता था।
औरंगज़ेब ने शिवाजी को मारने के लिए
शाइस्ता खां को भेजा था
जान बचाकर भागा था बेचारा
जब जाल शिवाजी ने फेका था।
1665 में औरंगज़ेब ने जयसिंह को उकसाया था
राजा जयसिंह ने शिवाजी को पोरबंदर में बुलाया था
कैद कर लिया जब शिवाजी
छुटाने शम्भा जी आया था।
1666 में औरंगज़ेब ने दोनों को
नजर बंद आगरा में करवाया था
यहां से भाग निकले पिता और पुत्र
कोई पकड़ न पाया था ।
1666 में रायगढ़ को अपना राज्य बनाया था
महाराष्ट्र का स्वतंत्र शासक बन
राज्याभिषेक करवाया था
छत्रपति की लेकर उपाधि ऊंचा नाम कमाया था।
14 अप्रैल 1680 को वो जग छोड़ गया
अब उसके शासन पर पुत्र शम्भा जी बैठ गया
पढ़ कर शिवाजी के बारे में
सोनित आश्चर्य चकित रह गया
लेखक सोनित प्रजापति।