*छतरी (बाल कविता)*
छतरी (बाल कविता)
छतरी काम धूप में आती
वर्षा से यह हमें बचाती
सिर के ऊपर इसे तानते
शाही-जैसे ठाठ मानते
रंग-बिरंगी नीली-काली
छतरी की है छटा निराली
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451
छतरी (बाल कविता)
छतरी काम धूप में आती
वर्षा से यह हमें बचाती
सिर के ऊपर इसे तानते
शाही-जैसे ठाठ मानते
रंग-बिरंगी नीली-काली
छतरी की है छटा निराली
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451