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29 Jun 2023 · 1 min read

*छतरी (बाल कविता)*

छतरी (बाल कविता)

छतरी काम धूप में आती
वर्षा से यह हमें बचाती
सिर के ऊपर इसे तानते
शाही-जैसे ठाठ मानते
रंग-बिरंगी नीली-काली
छतरी की है छटा निराली

रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

1 Like · 667 Views
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