Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Nov 2021 · 1 min read

छठ है आया

देकर अर्घ्य सूर्य को जल चढ़ाया
सहस्त्रों किरणें चमकाकर रवि
फिर उजला दिखलाया
करके तैयारी ढेर सारी खीर,और पकवान बनाया
चार दिनों का पर्व छठ है आया।

साफ सफाई करके घर आगन को सजाया।
नहाय खाय से शुरू करके व्रत का
संकल्प मैंने अपनाया।

खरना में निर्जल रहकर खीर और गुड़ घी का प्रसाद बनाया।
करके पूजन सच्चे मन से सूर्य देव ओर छठी मैया को मनाया।

छोटी सी टोकरी में लडडू, ठेकुआ और फल है लाया
रहकर खड़ी नदी किनारे मैंने छठ माता
का पूजन कराया।

करके पूजन फिर मिठाई का भोग लगाया
पाकर सुख आनन्द से मन हर्षाया।

जोड़कर हाथ छठी माई से सुख समृद्धि
संतान के लिए आशीर्वाद पाया।

” कविता चौहान”
स्वरचित

Language: Hindi
266 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
2555.पूर्णिका
2555.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
हिंदी साहित्य में लुप्त होती जनचेतना
हिंदी साहित्य में लुप्त होती जनचेतना
Dr.Archannaa Mishraa
जीवनी स्थूल है/सूखा फूल है
जीवनी स्थूल है/सूखा फूल है
Pt. Brajesh Kumar Nayak
दूसरों की राहों पर चलकर आप
दूसरों की राहों पर चलकर आप
Anil Mishra Prahari
संगीत का महत्व
संगीत का महत्व
Neeraj Agarwal
दीवाना हूँ प्रेम गीत गाता हूँ
दीवाना हूँ प्रेम गीत गाता हूँ
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
कारगिल युद्ध फतह दिवस
कारगिल युद्ध फतह दिवस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
अम्बे तेरा दर्शन
अम्बे तेरा दर्शन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जीत से बातचीत
जीत से बातचीत
Sandeep Pande
जिंदगी
जिंदगी
Bodhisatva kastooriya
यशोधरा के प्रश्न गौतम बुद्ध से
यशोधरा के प्रश्न गौतम बुद्ध से
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
कृष्ण सा हैं प्रेम मेरा
कृष्ण सा हैं प्रेम मेरा
The_dk_poetry
दमके क्षितिज पार,बन धूप पैबंद।
दमके क्षितिज पार,बन धूप पैबंद।
Neelam Sharma
"मोबाइल फोन"
Dr. Kishan tandon kranti
अनंतनाग में परचम फहरा गए
अनंतनाग में परचम फहरा गए
Harminder Kaur
मां नही भूलती
मां नही भूलती
Anjana banda
"प्रेम कभी नफरत का समर्थक नहीं रहा है ll
पूर्वार्थ
पसंद तो आ गई तस्वीर, यह आपकी हमको
पसंद तो आ गई तस्वीर, यह आपकी हमको
gurudeenverma198
कलियुग की संतानें
कलियुग की संतानें
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
जीवन से पहले या जीवन के बाद
जीवन से पहले या जीवन के बाद
Mamta Singh Devaa
सियासत में आकर।
सियासत में आकर।
Taj Mohammad
अपने मन मंदिर में, मुझे रखना, मेरे मन मंदिर में सिर्फ़ तुम रहना…
अपने मन मंदिर में, मुझे रखना, मेरे मन मंदिर में सिर्फ़ तुम रहना…
Anand Kumar
तुम्हें कुछ-कुछ सुनाई दे रहा है।
तुम्हें कुछ-कुछ सुनाई दे रहा है।
*प्रणय प्रभात*
जिस दिन आप कैसी मृत्यु हो तय कर लेते है उसी दिन आपका जीवन और
जिस दिन आप कैसी मृत्यु हो तय कर लेते है उसी दिन आपका जीवन और
Sanjay ' शून्य'
पुष्प रुष्ट सब हो गये,
पुष्प रुष्ट सब हो गये,
sushil sarna
विरक्ति
विरक्ति
swati katiyar
जो संघर्ष की राह पर चलते हैं, वही लोग इतिहास रचते हैं।।
जो संघर्ष की राह पर चलते हैं, वही लोग इतिहास रचते हैं।।
Lokesh Sharma
*समान नागरिक संहिता गीत*
*समान नागरिक संहिता गीत*
Ravi Prakash
उसकी ख़ामोश आहें
उसकी ख़ामोश आहें
Dr fauzia Naseem shad
Loading...