छठ मैय्या
नहाए खाये आज किये पूर्ण सब
बड़े ही भाव से किया वंदन मैया का
लुप्त नहीं होने देंगे,वर्षों की अपनी रीतियाँ
छठ मैय्या को भाव से किया आज नहाए की विधियां
उगते शशि को अर्घ्य देकर करते मान
और डूबते,को करके नमन सम्मान
करते सबके सुख की कामना ओर मान
जय हो छठ मैय्या की भावना को जान
मिल-जुल कर घर परिवार,
बुजुर्गों के संग लेकर उनका प्यार,
निर्जल रह उपवास से लेना मैया का प्यार
जय हो छठ मैय्या तेरा हो घर घर वास
जो परदेस गये हैं उनका घर आना
अपनों से बिछुड़े हैं मैया का मिलाना
तुम ही हो मिलवाती,मैया तभी होता घर आना
जय हो छठ मैय्या तेरा लेकर बहाना हमारा घर आना
सूप बनाने वालों को,मिलता गुजरबसर
दीया बनाने वालों को,मिलता पेट भरने को
पर्व जो सबको जोड़े,वही तो मैया का बहाना
जय हो छठ मैय्या तेरा यूँ गरीबो को सहारा देने
मनोकामना पूर्ण हो,सभी यही रहती कामना
दूर सभी के विघ्न हो,यही सभी की भावना
मंगल करने वाली,मेरी छठ रखना अपना सहारा
जय हो छठ मैय्या तेरा हर वर्ष खुशियों का लाना
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद