छंद में इनका ना हो, अभाव
यति, गति, तुक, लय, गणना ओ भाव l
छंद में इनका ना हो, अभाव ll
सही शब्द, अलंकार, व्याकरण l
लग लग, छंद में लाये लगाव ll
ज्ञान से प्रज्वलित रहे स्वभाव l
मधुर हो प्रकटे, हर हाव-भाव ll
सही सही सजे, रस ओ रंग हो l
हो मानव धर्म, बिन भेदभाव l
सहज ही सुधरे, बिगड़े मानव l
मिथ्या का, कभी ना हो जमाव ll
प्यास प्रवाह और प्यास प्रहार l
छंद तो हो, सही प्यास प्रभाव ll
छन छन सहज, संवरे संवरे l
छंद छंद के, चहकते चेहरे ll
अरविन्द व्यास “प्यास”
व्योमत्न