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18 Nov 2023 · 1 min read

*छंद–भुजंग प्रयात

*छंद–भुजंग प्रयात

1-
सुनो टेर मेरी कहाँ हो विधाता!
सदा साथ देना मुझे दान-दाता!!
दुखी-दीन को है कभी ना सताना!
यही धर्म देखो सभी को निभाना!!

2-
जले धूप में हैं सभी आज सारे!
चलें वृक्ष की छाँह में हो किनारे!!
नदी में नहीं नीर है क्या पियोगे!
किया दोष है जो तुम्हीं तो सहोगे!!

✍️ पूनम गुप्ता
कायमगंज (फर्रुखाबाद)

386 Views
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