छंदमुक्त
??छंदमुक्त??
राधा बैठी-बैठी पथ में,
राह निहारती।
कान्हा तुम कब आओगे,
पल-पल है पुकारती।।
राधा हो गई बावरी,
वंशीधर के मोहपाश में
हे!सुवासिनी सुध-बुध हारी।
राधा है सांवरे कान्हा कि दिवानी,
सारा जगत है! जाने—
कृष्ण -राधा की प्रेम कहानी!!!!!
सुषमा सिंह *उर्मि,,