चौपाई छन्द
चौपाई छन्द,(16,मात्राएं)
सदाचार से सबसे बोलो।
जन में मीठा रस तुम घोलो।।
जीवन में तुम पुण्य कमालो।
नई एक पहचान बनालो।।
सदाचार शुचि प्रेम किये जा।
जीवन में शुभ कर्म किये जा।।
जीवन का तो सार यहीं है।
कष्ट यहां आनंद यहीं है।।
नव दुर्गा हैं आने वाली।
खूब सजाना पूजा थाली।
भजन कीर्तन माँ का गाना।
शुभ कर्मों का फल तुम पाना।।
प्रति दिन घी का दीप जलाओ।
मन वांछित फल माँ से पाओ।।
नव दुर्गा उपवास रहे जो।
तन मन धन से सुखी रहे वो।।
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