“चौका”…भ्रमजाल…
II जापानी विधा “चौका” II
मन का भ्रम
संबंधों में दरार
दंब प्रहार
छिन्न भिन्न संसार
फैसला हुआ
अपने पराये का
तेरा ओ मेरा
खून भी बंट गया
अंध विश्वास
लुट गया संसार
भ्रम का जाल
गैरों पे ऐतबार
विश्वास रखो
परखने की छोडो
हो सहभागी
अनमोल है प्यार
\
/सी. एम्. शर्मा